भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर इस समय एक बड़े बदलाव से गुजर रहा है। पेट्रोल और डीज़ल गाड़ियों की जगह अब इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) धीरे-धीरे सड़क पर अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं। 2025 में EV मार्केट की स्थिति पहले से कहीं ज़्यादा मज़बूत दिखाई दे रही है।
🔋 भारत में EV मार्केट का विस्तार
- साल 2025 तक भारत में EV की बिक्री 1.5 मिलियन से ज़्यादा हो चुकी है।
- टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर सेगमेंट में EV का दबदबा सबसे अधिक है।
- दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्य EV अपनाने में सबसे आगे हैं।
📈 क्यों बढ़ रही है EV की मांग?
- तेल की बढ़ती कीमतें – पेट्रोल-डीज़ल महंगा होने से लोग EV को किफायती विकल्प मान रहे हैं।
- कम मेंटेनेंस कॉस्ट – EV में इंजन ऑयल या जटिल पार्ट्स नहीं होते, इसलिए देखभाल आसान और सस्ती है।
- पर्यावरण लाभ – ज़ीरो टेलपाइप एमिशन की वजह से प्रदूषण कम होता है।
- सरकारी समर्थन – सब्सिडी और टैक्स में छूट से EV खरीदना और भी आसान बन गया है।
🌍 ग्लोबल EV मार्केट से तुलना
- चीन और यूरोप EV अपनाने में भारत से आगे हैं।
- भारत अब तेजी से इस दौड़ में शामिल हो रहा है और “मेक इन इंडिया” के तहत EV मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भी भारत में EV लॉन्च करने के लिए निवेश कर रही हैं।
🚙 आने वाले सालों में ग्रोथ
- अनुमान है कि 2030 तक भारत में बिकने वाली 30% गाड़ियाँ EV होंगी।
- लोकल बैटरी मैन्युफैक्चरिंग और चार्जिंग नेटवर्क की वजह से EV और भी सस्ते और सुलभ होंगे।
- EV मार्केट में नए स्टार्टअप्स और कंपनियों के आने से प्रतिस्पर्धा और बढ़ेगी।
✅ निष्कर्ष
भारत का EV मार्केट 2025 में पहले से कहीं मज़बूत और स्थिर दिख रहा है। टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर से लेकर पैसेंजर कार तक EV का इस्तेमाल बढ़ रहा है। आने वाले समय में यह केवल एक ट्रेंड नहीं रहेगा, बल्कि मुख्यधारा का विकल्प बन जाएगा।